इस लेख में आप जानेंगे पतंजलि दाद की बेस्ट दवा (Patanjali dad ki dawa) का नाम के बारे में। दाद एक ऐसी बीमारी होती है जो त्वचा से संबंधित होती है, जिसमें त्वचा पर सफेद चकते या हल्के लाल रंग का होता है और यह जल्दी ठीक नहीं होता। शुरुआती दौर में यदि इस पर ध्यान ना दिया जाए तो धीरे धीरे बढ़ता ही जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि दाद कवक के द्वारा होता है और यह आपके शरीर के किसी भी अंग पर हो सकता है जिसमें शामिल है सिर और दाढ़ी पर। इसमें खुजली होने के साथ यह तेजी से फैलता रहता है।
आयुर्वेद ऐसे दाद की समस्या से निपटने के लिए तैयार रहता है। जो त्वचा से संबंधित रोगों में आराम दिलाने में मदद करता है। तो आइए जानते हैं पतंजलि दाद की दवा का नाम क्या है।
दाद कितने प्रकार के होते हैं?
दाद शरीर के विभिन्न अंगों में होते है इसलिए उनके नाम निम्न प्रकार के हो सकते हैं जैसे-
- टिनिया बारबाई (Tinea Barbae)- यह दाद आपके दाढ़ी के आसपास हो सकते हैं
- टिनिया कॉर्पोरिस (Tinea Corporis)- यह गोलाकार रिंग की तरह होने वाला चकता होता है
- टिनिया पेडिस (Tinea Pedis) या एथलीट फुट- यह दाद आपके पैरों में होते हैं
- टिनिया कैपिटिस (Tinea Capitis)- यह दाद माथे पर दिखाई देते हैं।
- टिनिया क्रुरिस (Tinea Cruris) - ऐसे दाद जो कमर और जांघों के बिच नजर आते हैं
- टिनिया मनस (Tinea Manus)- ऐसे दाद हाथ के आस पास दिखाई पड़ते हैं।
- टिनिया फेसिई (Tinea Faciei)- दाढ़ी को छोड़कर कही पर भी हो सकते हैं
- टिनिया अंगियम (Tinea Unguium)- ऐसे दाद नाखूनों पर पाए जाते हैं।
दाद के कारण क्या-क्या हो सकते हैं
दाद होने के कई कारण हो सकते हैं दाद, फफूंदी जैसे छोटे-छोटे परजीवी के संक्रमण के कारण हो जाता है। दाद निम्नलिखित कारणों से फैलता है जैसे-
- यदि दाद किसी व्यक्ति को हुआ है और आप उसके संपर्क में आ जाते हैं तो दाद होने की संभावना आपको भी बढ़ जाती हैं।
- दाद से संक्रमित किसी जानवर को छूने से आप भी संक्रमित हो सकते हैं।
- संक्रमित व्यक्ति के छुई हुई वस्तुएं है जैसे कंघी, चादर, बिस्तर, ब्रस, कपड़ा, तोलिया इत्यादि इन सभी वस्तुओं को छूने से भी संक्रमण फैल सकता है।
- त्वचा को लंबे समय तक गर्मी के कारण गिला रखने से दाद की समस्या हो जाती है।
- सिर के बालों को यदि लंबे समय तक धोवा न जाए तो दाद की समस्या हो सकती है।
दाद के लक्षण क्या होते हैं?
दाद होने के लक्षण उनके संक्रमण पर निर्भर करता है दाद होने पर खुजली के साथ कुछ अन्य लक्षण नजर आ सकते हैं इनमें जो प्रमुख लक्षण हैं-
- लाल रंग के चकत्ते, स्किन में खुजली के साथ जलन, उभरे हुए दाग और स्कीन पर परतदार।
- गोलाकार में छोटे-छोटे दानों के साथ खुजली का होना
- त्वचा पर उभरे हुए किनारों पर दाग।
- छोटे-छोटे दाने और खुजली के साथ फैलाना।
- खुजली और जलन का होना।
(पतंजलि) दाद और खुजली को जड़ से खत्म करने की बेस्ट दवा का नाम (Patanjali dad ki dawa)
दाद, खाज, खुजली घरेलू उपायों से आसानी से ठीक नहीं होता, परंतु इन्हें ठीक करने के लिए अंग्रेजी दवा या फिर आयुर्वेदिक दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। आयुर्वेदिक दवाओं से कोई साइड इफेक्ट का भी खतरा नहीं रहता और आपकी समस्या भी ठीक हो जाती हैं।
आगे बढ़ने से पहले आपको जानकारी दे दें की जिन्हें भी दाद और खुजली है सबसे पहले नमक और मीठा कम कर दें, आगे जानते हैं पतंजलि दाद की दवा का नाम क्या है-
पतंजलि कायाकल्प वटी की गोली और तेल
दाद और खुजली के लिए कायाकल्प तेल बहुत ही फायदेमंद साबित होता है और साथ में आपको इसकी गोली (कायाकल्प वटी) का इस्तेमाल दिन में दो बार सेवन करना है।
कायाकल्प तेल को दाद या खुजली वाले स्थान पर लगाना होता है जिसका असर दो से तीन बार में ही दिखना शुरू हो जाता है।
पतंजलि एलोवेरा जूस + 3 गोली
पतंजलि की यह दवा आयुर्वेदिक है जिसे कोई साइड इफेक्ट का भी खतरा नहीं रहता। दाद और खुजली को ठीक करने के लिए आपको तीन दवाओं का इस्तेमाल करना पड़ेगा जिसके रिजल्ट काफी अच्छे देखे गए हैं।
पतंजलि एलोवेरा जूस को रोज सुबह खाली पेट 10 से 15 एमएलए पानी में मिलाकर पिएं।
और उसके साथ साथ आपको तीन टेबलेट का सेवन करना है।
- पतंजलि नीम घनवटी
- पतंजलि गिलोय घनवटी और
- कायाकल्प वटी
सेवन करने की विधि
सबसे पहले 10 से 15ml सुबह खाली पेट पी लीजिए।
खाना खाने के बाद पतंजलि नीम घनवटी और पतंजलि गिलोय घनवटी की एक-एक गोली और साथ ही कायाकल्प वटी की दो गोली 5 से 10 मिनट के अंतराल पर तीनों टेबलेट को नॉर्मल पानी के साथ सेवन करना है।
दाद और खुजली की समस्या को ठीक होने में 15 से 1 महीने का समय लग सकता है।
गर्भवती महिलाओं को इस दवा का सेवन करना है कि नहीं करना है इसके लिए आप एक बार अपने डॉक्टर से सलाह परामर्श जरूर कर ले, उसके बाद ही दवा का सेवन करें।
दोस्तों आपने इस आर्टिकल के माध्यम से जाना पतंजलि दाद की दवा का नाम (Patanjali dad ki dava ka Naam) क्या है और साथ ही इसके होने का मुख्य कारण क्या होता है। उम्मीद है हमारा यह लेख आपके लिए हेल्पफुल होगा।